ELSS, ईएलएसएस
टैक्स बचत और शानदार रिर्टन के लिए ईएलएसएस बेस्ट
टैक्स बचत के साथ मोटे रिर्टन के लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम सबसे बेहतर विकल्पों में है। निवेशकों के पास फंड मेनेजर्स की ओर से प्रबंधित एक्टिव ईएलएसएस और पैसिव ईएलएसएस में से किसी एक में निवेश करने का विकल्प है। पैसिव ईएलएसएस बाजार पूंजी के हिसाब से टाॅप 250 कंपनियों वाले इंडेक्स पर आधारित है। एक्टिव या पैसिव, दोनो में से निवेश के लिए कौन बेहतर है, इस पर बाजार विशेषज्ञ बंटे हुये हैं।
दोनों ईएलएसएस में बेहतर कौन
प्लान अहेड वेल्थ एडवायजर्स के विशाल धवन के अनुसार पैसिव ईएलएसएस बेहतर है, क्योंकि इसमें फंड मैनेजर की भूमिका नहीं होने से कम जोखिम, कम लागत, निवेश रणनीति में निरंतरता और पारदर्शिता है। लौग टैक्स बचत के लिए इसमें निवेश करते हैं और व बैंचमार्क रिटर्न से खुश हैं। वही कोटक इन्वेस्टमेंट के लक्ष्मी अयर के अनुसार एक्टिव ईएलएसएस में फंड मैनेजर बेंचमार्क से बेहतर रिर्टन जनरेट कर सकते हैं।
टैक्स में छूट
दोनों ईएलएसएस में 1.5 लाख रूपये तक के निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है ईएलएसएस का लाॅक-इन-पीरियड 3 साल है। ईएलएसएस में स्कीम के बाहर निकलने पर एक लाख रूपये से ज्यादा के मुनाफे पर 10 लाॅन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है।
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